दिनांक 18 अप्रैल 2021 का सनातन हिन्दू पंचांग

श्री विष्णु पादो विजयते
श्री गया गदाधर क्षेत्र
पुण्य लाभ के लिए इस सनातन हिन्दू पंचांग को स्वयं पढ़े एवं अन्य को भी अवश्य भेजिए
⛅ दिनांक 18 अप्रैल 2021
⛅ दिन – रविवार
⛅ विक्रम संवत – 2078
⛅ शक संवत – 1943
⛅ अयन – उत्तरायण
⛅ ऋतु – वसंत
⛅ मास – चैत्र
⛅ पक्ष – शुक्ल
⛅ तिथि – षष्ठी रात्रि 10:34 तक तत्पश्चात सप्तमी
⛅ नक्षत्र – आर्द्रा 19 अप्रैल प्रातः 05:02 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
⛅ योग – अतिगण्ड शाम 07:56 तक तत्पश्चात सुकर्मा
⛅ राहुकाल – शाम 05:24 से शाम 06:59 तक
⛅ सूर्योदय – 06:19
⛅ सूर्यास्त – 18:57
⛅ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
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⛅ व्रत पर्व विवरण – स्कंद-अशोक-सूर्य षष्ठी
? विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
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➡ नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। बिना इसके नवरात्रि पूजा या फिर व्रत पूरा नहीं माना जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि विधान पूजा कर आठवें नवरात्रि या फिर नौवें नवरात्रि के दिन कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोग लगाया जाता है। धर्म ग्रन्थों के अनुसार 3 साल से लेकर 9 साल तक की कन्याओं को माता का स्वरूप माना गया है। नवरात्रि में आप 1 से लेकर 9 कन्याओं तक का पूजन कर सकते हैं।
शास्त्रों में एक कन्या की पूजा से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दो की पूजा से भोग और मोक्ष, तीन की पूजा से धर्म, अर्थ व काम, चार की पूजा से राज्यपद, पांच की पूजा से विद्या, छ: की पूजा से छ: प्रकार की सिद्धि, सात की पूजा से राज्य, आठ की पूजा से संपदा और नौ की पूजा से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है। कन्या पूजन अष्टमी या नवमी किसी भी दिन किया जा सकता है।
दो साल की कन्या कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा मानी जाती हैं।
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? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? चैत्र नवरात्रे
?? भय का नाश करती हैं मां कात्यायनी
नवरात्रि के षष्ठी तिथि पर आदिशक्ति दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। महर्षि कात्यायनी की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रृति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौलिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
यदि आर्थिक संकट या कर्ज के बोझ से दबे हों तो नवरात्रि में मखाने के साथ सिक्के मिलाकर देवी को अर्पित करें और फिर उसे गरीबों में बांट दें।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी मनोकामना पूरी हो जाए। या देवी से किसी मन्नत के पूरी होने की प्रार्थना कर रहे हैं, तो नवरात्रि के 9 दिनों में से कभी भी देवी के मंदिर में लाल पताका जरूर चढ़ाएं। ऐसा आप घर के मंदिर में भी कर सकते हैं और देवी मां के मंदिर में भी। वहीं मन की कोई आस पूरी न हो पा रही हो तो नवरात्रि में पूरे कुछ दिन पांच प्रकार के सूखे मेवे लाल चुनरी में रखकर देवी को भोग लगाएं और बाद में इस भोग का सेवन सिर्फ आप करें।
? चैत्र नवरात्रि ?
?? नवरात्र की षष्ठी तिथि यानी छठे दिन माता दुर्गा को शहद का भोग लगाएं ।इससे धन लाभ होने के योग बनने हैं ।
????????????पंचक
7 अप्रैल दोपहर 3 बजे से 12 अप्रैल प्रात: 11.30 बजे तक
: 4 मई रात्रि 8.41 बजे से 9 मई सायं 5.30 बजे तक
: 1 जून रात्रि 3.57 बजे से 5 जून रात्रि 11.27 बजे तक
: 28 जून प्रात: 12.57 बजे से 3 जुलाई प्रात: 6.15 बजे तक
एकादशी
23 अप्रैल, शुक्रवार कामदा एकादशी
07 मई, शुक्रवार वरुथिनी एकादशी
23 मई, रविवार मोहिनी एकादशी
06 जून, रविवार अपरा एकादशी
21 जून, सोमवार निर्जला एकादशी
प्रदोष
24 अप्रैल: शनि प्रदोष
08 मई: शनि प्रदोष
24 मई: सोम प्रदोष व्रत
07 जून: सोम प्रदोष व्रत
22 जून: भौम प्रदोष
अमावस्या
वैशाख अमावस्या- मंगलवार, 11 मई 2021
ज्येष्ठ अमावस्या- बृहस्पतिवार, 10 जून 2021
पूर्णिमा
26 अप्रैल, सोमवार: चैत्र पूर्णिमा
26 मई, बुधवार: बुद्ध पूर्णिमा
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