जाने शनि जयंती का शुभ मुहूर्त एवं लाभदायक 20 उपाय

आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि जयंती शनि देव की कृपा पाने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। यदि आप चाहते हैं कि शनि की असीम कृपा आप पर बनी रहे तो शनि जयंती के दिन ये 20 सरल उपाय अवश्य आजमाएं और शनि देव से सुख-शांति का वरदान पाएं।
शनि जयंती का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग अनुसार इस बार ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ 29 मई 2022 रविवार को दोपहर – 02:27 मि. से हो रहा है और सोमवार 30 मई को दिन – 04:44 मि. पर अमावस्या समाप्त होगी। अत: शनि जयंती सोमवार को मनाई जाएगी।
लाभदायक 20 उपाय
धर्म शास्त्रों में शनि देव के प्रसन्नार्थ बहुत से उपाय बताए गए हैं, जिसमें हम आपके लिए अत्यधिक लाभकारी उपाय बता रहे हैं-
1 – शनि देव को उड़द की दाल की बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय है अत: इस दिन लड्डू का भोग लगाकर बांटना चाहिए।
2 – शनि देव को दरिद्रों का नारायण भी कहा गया है इसलिए शनि जयंती पर दरिद्रों की सेवा से भी शनि प्रसन्न होते हैं।
3 – शनि जयंती पर असाध्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति को काला छाता, चमड़े के जूते चप्पल पहनाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
4 – शनि जयंती पर घर के तथा अन्य वृद्धों का सम्मान करने एवं उपहार देने से लाभ होता है। क्योंकि शनि देव को वृद्धावस्था का स्वामी कहा गया है जिस घर में माता-पिता व वृद्धजनों का सम्मान होता है उस घर से शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं तथा जिस घर में वृद्ध का अपमान होता है उस घर से खुशहाली दूर भागती है।
5 – शनि जयंती को तेल की मालिश करके नहाना चाहिए और तेल का दान अवश्य करना चाहिए।
6 – इस दिन लोहे की कोई वस्तु शनि मंदिर दान करनी चाहिए। वह वस्तु ऐसी हो जो मंदिर के किसी काम आ सके।
7 – शनि जयंती पर शनि मंदिर में बैठकर “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करना चाहिए।
8 – शनि दोष के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं के लिए शनि जयंती के रोज भगवान भोलेनाथ व हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
9 – शनि जयंती पर शनि संबंधी कथा,शनि चालीसा,शिव चालीसा, बजरंगबाण, हनुमान बाहुक व हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
10 – इस दिन शनि मंदिर से शनि रक्षा कवच या काला धागा हाथ में बांधने के लिए अवश्य लें।
11 – शनि को मनाने के लिए शनि जयंती व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है।
12 – शनि जयंती के अवसर पर भगवान शिव का भस्म व तिलाभिषेक करना लाभदायी रहता है।
13 – इस दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। इससे जीवन की परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है।
14 – शनि जयंती के दिन शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शनि देव की आरती भी करनी चाहिए। और शनि देव का वैदिक, लौकिक, तांत्रिक, मंत्र का जाप करने से शनि संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है।
15 – शनि जयंती पर मंदिर में जाकर शिवलिंग अथवा घर में ही पार्थिव शिवलिंग का तेल से अभिषेक करना चाहिए तथा मंदिर में तेल, उड़द और तिल का दान करना चाहिए।
16 – शनि जयंती पर महाकाल के दर्शन करने से विशेष पुण्य फल मिलता है। अत: हो सके तो इस दिन महाकाल के दर्शन अवश्य करें।
17 – शनि जयंती पर भगवान भोलेनाथ को शक्कर का भोग लगाएं।
18 – शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना तत्पश्चात शनि देव का पूजन करना चाहिए।
19 – इस दिन शिव जी एवं शनि देव का दूध, दही, घी,शहद,शक्कर,गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
20 – शनि जयंती के दिन निर्धन व्यक्ति को भोजन करवाएं तथा सफाईकर्मी को सिक्कों का दान अवश्य दें।
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