महाशिवरात्रि पर्व पर बन रहे कई दुर्लभ योग

आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”(ज्योतिष शास्त्र, वास्तुशास्त्र, वैदिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ)

इन चार शुभ मुहूर्त में अभिषेक कर भोलेनाथ को करें प्रसन्न
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल भोले बाबा का महापर्व महाशिवरात्रि 11 मार्च को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशीयुक्त चतुर्दशी तिथि को मनाई जाएगी। आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक” जी ने बताया की शास्त्रों के अनुसार जब त्रयोदशी युक्त रात्रि कालीन चतुर्दशी हो तो ही महाशिवरात्रि का व्रत एवं पूजन अधिक फलदाई होता है। इस दिन विशेष रूप से शिवयोग और सिद्धि योग रहेगा। चंद्रमा सहित बुध एवं शुक्र ग्रह मकर राशि में विराजमान रहेंगे। भगवान शिव के महापर्व को लेकर शहर के शिव मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन शिवलिंग का पंचोपचार, षोडशोपचार, राजोपचार, पूजन और रात्रि जागरण विशेष फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना कई गुना अधिक फल देती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से युवतियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वैसे तो महाशिवरात्रि के दिन पूरे दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व है परन्तु रात्रि कालीन चार प्रहर की विशेष पूजा का महत्व है। इस दिन प्रदोष काल तथा रात्रि काल का विशेष महत्व है। 11 मार्च गुरुवार को सायं 06 बजे से रात्रि तक तथा 12 मार्च भोर में 04 बजे तक पूजा, साधना का उत्तम समय है। *भगवान शिव और पार्वती का विवाह:-* पुराणों में वर्णन है कि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह इसी दिन हुआ था। भगवान शिव के विवाह में सिर्फ देव ही नहीं दानव, किन्नर, गंधर्व, भूत, पिशाच भी इस विवाह में शामिल हुए थे। इसलिए इसमें चार प्रहर की पूजा अधिक फलदायी होती है।*महाशिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त 1:- प्रथम प्रहर 11 मार्च सायं 06 बजे से रात 09:30 बजे तक। 2:- द्वितीय प्रहर 11 मार्च रात्रि 09:30 बजे से 12:30 बजे तक।3:- तृतीय प्रहर 11-12 मार्च रात्रि 12:30 बजे से भोर में 05 बजे तक।४:- शिवरात्रि व्रत का पारण समय – 12 मार्चप्रात: 06:15 बजे से दिन में 09 बजे तक।*शिव पूजन और रूद्राभिषेक:- महाशिवरात्रि पर शिवलिंग को गंगाजल, दूध,दही, घी, शहद और शक्कर के मिश्रण से स्नान करवाया जाता है, फिर चंदन लगाकर फल-फूल, बेलपत्र, धतूरा का पुष्य, मंदार पुष्य, बेर,जौ की बालियों, शमीपत्र इत्यादि अर्पित किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन रूद्राभिषेक करने कराने से कई लाभ मिलते हैं। बुध ग्रह का राशि परिवर्तन:-* जीवन में होने वाले परिवर्तनों के कारक बुध ग्रह महाशिवरात्रि के एक दिन पहले यानी 10 मार्च गुरुवार को राशि परिवर्तन करेंगे। बुध ग्रह का मकर राशि से कुंभ राशि में गोचर होगा। 10 मार्च बुधवार को सायं 07:57 मि.पर बुध ग्रह मार्गी होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे जिसका पूण्य काल महाशिवरात्रि के दिन रहेगा…
।। सबका मंगल हो ।।
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