महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ला की मनाई गयी पुण्यतिथि

अ.भा. संवाद सूत्र: गया
गया : दुर्भाग्य है कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का जिस चंपारण ने परिदृश्य ही बदल दिया उसके एकमात्र जनप्रिय नेता थे पंडित राजकुमार शुक्ल, जो आज भारतीय राजनीतिक इतिहास में उपेक्षा के जीवंत साक्ष्य हैं। यह कथन है विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के रा. अध्यक्ष एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के रा. महासचिव डॉ. विवेकानंद मिश्र का। स्थानीय डॉ. विवेकानंद पथ में पंडित राजकुमार शुक्ला के पुण्यतिथि के अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि चंपारण किसान आंदोलन ही देश को आजादी के मुकाम पर पहुंचाने वाला असली संवाहक बना था, जिसके एकमात्र नायक पंडित राजकुमार शुक्ला थे। इससे इनकार नहीं किया जा सकता। किंतु घोर आश्चर्य एवं दुख है कि जिन किसानों के त्याग, बलिदान और संघर्ष की वजह से आज हम आजाद भारत में सांसे लेने के लिए स्वतंत्र हैं और किसानों ने जिन-जिन नेताओं पर पूर्ण भरोसा, विश्वास कर अपना सर्वस्व न्योछावर किया, आज स्वतंत्रता संग्राम के उन महान नेताओं को सत्ता और भोगवाद की राजनीति करने वाले, संकीर्ण स्वार्थी सोच वाले नेताओं की घृणित राजनीति ने घोर उपेक्षा का कीर्तिमान स्थापित कर जन-जन को उनके अधिकार से वंचित किया है। डॉ. मिश्रा ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए आगे कहा कि चंपारण के किसान पंडित राजकुमार शुक्ला के अनुरोध पर ही अप्रैल 1917 में गांधी जी ने सत्याग्रह और अहिंसा का भारत में पहला प्रयोग चंपारण की धरती पर किया था, जिसका नेतृत्व पंडित राजकुमार शुक्ला कर रहे थे। उन्होंने हीं मोहनदास करमचंद गांधी जी को महात्मा की उपाधि से विभूषित किया था। यही किसान आंदोलन आजादी का असली संवाहक बना।
आज उस कालजयी महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ला जी के पुण्य तिथि पर हम सब भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा, कौटिल्य मंच एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। सहभागिता वाले प्रमुख लोगों में सुप्रसिद्ध साहित्यकार आचार्य राधामोहन मिश्र माधव, ऑल इंडिया जेड कांग्रेस अध्यक्ष प्रो. बी. एन. पांडेय, प्रो. उमेशचंद्र मिश्र शिव, प्रो. विपिन विहारी द्विवेदी, राम सिंहासन सिंह, आशुतोष मिश्रा, विवेकानंद वैद्य, किशोर बाबू अग्निबार, नागेंद्र मिश्रा, एडवोकेट दीपक पाठक, आचार्य अरुण मिश्र मधुप, नागेंद्र मिश्र, नीलम देवी, राष्ट्रीय कवि सूर्यानंद मिश्रा, आचार्य राघवेंद्र मिश्र, भाजपा नेता सिद्धनाथ मिश्रा, शिवचरण बाबू डालमिया, डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज, समाजसेवी मृदुला मिश्रा, प्रियंका मिश्रा, डॉ. प्रियंका पाठक, रामज्ञान सिंह, राम, रविभूषण भट्ट, विनयलाल टाटक, बालेंद्र पांडेय, डॉ. अरविंद तिवारी, विनोद कुमार उपाध्याय, कन्हैयालाल पाठक, विश्वजीत चक्रवर्ती, तारा सुमो, शंभू गिरी, सविता चतुर्वेदी, पुष्पा गुप्ता, वैष्णवी, मांडवी गुर्दा, किरण पाठक, कंचन, केशव लाल भईया, चिंटू बाबू झंगर, रंजीत पाठक, पवन मिश्र, सुनील कुमार मिश्रा, डॉ. छोटे बाबू ने अपनी-अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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