काश! गांधी जी की विचारधारा को राष्ट्र व्यवहारिक रूप दिया होता : डॉ. मिश्रा

डॉक्टर विवेकानंद पथ स्थित हरि अनंत सेवा धाम के प्रांगण में गांधी जी की 74 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े कौटिल्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर विवेकानंद मिश्र ने कहा कि गांधीजी के विचार धारा में जो सामाजिक आध्यात्मिक आर्थिक और राजनीति का विराट दर्शन था को सफलतापूर्वक देश लागू किया होता तो आज सामाजिक जीवन के हर क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर होकर विश्व का नेतृत्व का सौभाग्य प्राप्त किया होता।
डॉ मिश्रा ने कहा गांधीजी की रामराज की परिकल्पना में हिंसा अत्याचार स्वार्थ क्रूरता द्वेष आदि तमाम विकृति जिसे आज देखना पड़ रहा है सहना पड़ रहा है इन प्रवृत्तियों का स्थान नहीं होता। आज इनकी प्रासंगिकता पहले से कहीं अधिक बड़ी है। इनके बताए मार्ग पर ही विश्व का कल्याण संभव है।।
श्रद्धा सुमन अर्पित करने वाले प्रमुख लोगों में आचार्य राधा मोहन मिश्र माधव, डॉक्टर बी एन पांडे, डॉक्टर ज्ञानेश भारद्वाज, रंजीत पाठक,प्रोफेसर उमेश चंद्र मिश्र शिव, डॉक्टर सच्चिदानंद पाठक, रवि भूषण भट्ट, विनय लाल टाटक, राम मोहन शुक्ला, केदारनाथ मिश्र, राशि मसूद, दीपक पाठक, आचार्य रूप नारायण मिश्र, डॉक्टर देवेंद्र पाठक, गजाधर लाल कटारियार, मालती देवी, तुषार राज,डॉक्टर निकलेश वर्मा आदि उल्लेखनीय थे।
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