पितृ गायत्री के जाप से दूर होता है पितृ दोष

अ.भा.सं.सू. : प्रयागराज
पितृ गण हमारे जन्म का कारण होते हैं और हमें समय-समय पर गलत मार्ग से हटा कर सही दिशा देते हैं। इसलिए जीवन को सही दिशा में बनाये रखने के लिए समय-समय पर हमें अपने पितरों के लिए पूजा-पाठ व दान धर्म जरुर करना चाहिए। आचार्य धीरज द्विवेदी ‘याज्ञिक’ ने बताया कि कलयुग में पितृ सम्बन्धी दोषों की उत्तपत्ति सबसे ज्यादा होती है, इसलिए इस दोष की शान्ति के लिए समय-समय पर आवश्यक कर्म व उपाय अवश्य करना चाहिए। पितृ दोष को शान्त करने के लिए और पितरों का आर्शिवाद प्राप्त करने के लिए पितृ गायत्री मंत्र सबसे श्रेष्ठ है। पितृ पक्ष में इस मंत्र का जाप करने से रुष्ट पितृ तृप्त होकर अपनी कृपा मंत्र जाप करने या कराने वाले के ऊपर अवश्य करते हैं।
पितृ गायत्री मंत्र
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नमः स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।
इस मंत्र का जाप पितृ पक्ष और अमावस्या के दिन करने से तत्काल पितृ शान्ति होती है।
इसी मंत्र से पितरों को तर्पण आदि करने से पितरों को शांति मिलती है। इस मंत्र का जाप करते समय भगवान विष्णु के चरणों का ध्यान करना चाहिए। नारायण आपके पितरों को परमशान्ति दें पितृ पक्ष आप सभी के लिए शुभ रहें। आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।
Hits: 3
क्या हमारे पास हमारे लिए समय है ?
पंडुई : गौरवशाली अतित का एक विरासत
08 मई 2022 रविवार को सूर्याेदय से दोपहर 02ः58 मिनट तक रविपुष्यमृत योग
अप्रशिक्षित शिक्षकों ने डीईओ गया से वेतन भुगतान की लगाई गुहार
शाकद्वीप: शक संबत और मध्य एशिया