इमामगंज के झिकटिया कला मध्य विद्यालय बना शराबियों का अड्डा

गया से रमेश कुमार की रिपोर्ट
जिला के नक्सल प्रभावित इमामगंज में शराबबंदी का मखौल उड़ाया जा रहा है। कहने को तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर नए कानून बनाए हुए हैं। इसको लेकर अधिकारियों को कोई टास्क नहीं दिए जाते हैं। लेकिन जब इस खबर को आप देखेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे। इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के झिकटिया कला मध्य विद्यालय और उच्च विद्यालय इन दिनों शराबियों और नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। स्कूल परिसर शाम ढलते ही शराबियों का अड्डा बन जाता है। यहां रात के अंधेरे में शराबी स्कूल पहुंच जाते हैं और बड़े शौक से शराब के मजे लेते हैं। यहां तक कि शराबी शराब पीने के बाद शराब की खाली बोतलें स्कूल कैंपस से लेकर स्कूल के बरामदे में फेंक देते हैं।
जब समय के अनुसार 9 बजे के बाद विद्यालय के शिक्षक एवं अन्य बच्चे स्कूल पहुंचते हैं तो शराब की खाली बोतलें मिलती है। यहां तक कि वहां के शिक्षक शराबियों के द्वारा फेंके गए शराब की खाली बोतलें को खुद से नहीं साफ करने के बजाय बच्चों से साफ करवाते हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है कि विद्यालय में रात्रि प्रहरी के लिए गार्ड का तैनाती की गई है तो शराबियों की झुंड विद्यालय में कैसे पहुंच रहे हैं। क्या स्कूल के गॉड स्कूल में रात को नहीं ठहरते या फिर वह भी शराब के नशे में धुत रहते हैं। जब संवाददाता ने स्कूल परिसर में शराबियों के द्वारा फेंके गए शराब की बोतले को लेकर पूछा तो स्कूल प्रबंधन ने प्रशासन से छुट्टी के बाद स्कूल परिसर में दबिश देकर नशाखोरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिव वरत प्रसाद ने विद्यालय परिषर में चारों तरफ से चार दिवारी नहीं है। यही कारण है कि शाम ढलने के बाद अंधेरा का फायदा उठाकर शराबियों का झुंड विद्यालय पहुंचकर नशाखोरी करते हैं। जब सुबह विद्यालय पहुंचते हैं तो शराब की खाली बोतलें फेंकी मिलती है। लेकिन विद्यालय में देख-रेख के लिए रात में एक रात्रि प्रहरी यानी नाइट गार्ड बहाल है। इसके बाद भी शराबियों कैसे विद्यालय परिसर में पहुंच रहे हैं यह विषय तो है ही। हम इसको लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं थाना को सूचित कर कार्रवाई की मांग करेंगे।
वहीं इस संबंध में झिकटिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मंटू कुमार ने बताया कि विद्यालय में इस तरह की बराबर शिकायत मिलती है। विद्यालय में रात्रि प्रहरी होने के बाद भी शराबियों को आड्डा कैसे बना हुआ है। यह सब जांच का विषय है। रात की तो बात अलग है लेकिन दिन में भी कुछ लोगों के द्वारा स्कूल परिसर में ही बकरियां एवं अन्य जानवरों की आना-जाना रहता है। जब हम लोग इस विषय में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से बात करते हैं तो वह झल्ला कर बोलते हैं। उन्होंने कहा कि बराबर विद्यालय परिसर में शराबियों द्वारा नशाखोरी करने के बाद शराब की बोतले देखने को मिलती है। अब सवाल उठ रहा है कि विद्यालय शिक्षा का मंदिर है यहां प्रतिदिन बच्चे भगवान सरस्वती से ज्ञान प्राप्त करने को लेकर स्कूल में पहुंचते हैं। लेकिन सुबह में उन्हें स्कूल पहुंचने पर शराब की बोतल दर्शन होती है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा पर भी असर पड़ सकता है। शराबियों व नशाखोरों की हरकतों से विद्यालय प्रशासन के साथ विद्यार्थी भी परेशान है। बताया जाता है कि रोजाना सुबह स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतलें और बीड़ी-सिगरेट पड़े मिलते है। प्रातः कालीन सभा से पहले स्टाफ और विद्यार्थियों को नशाखोरों द्वारा प्रयोग में लाई गई सामग्री को उठाना पड़ता है। जब हमारे संवाददाता ने स्कूल परिसर में पहुंचा तो उनके सामने ही विद्यार्थियों ने परिसर से शराब की खाली बोतलें और बीड़ी सिगरेट का कचरा उठाया।
बता दे कि सरकार की गाइडलाइन ऐसा हैं कि शिक्षा संस्थान के सौ मीटर के दायरे से किसी भी दुकान द्वारा नशीले पदार्थो की बिक्री करना कानूनी अपराध है। स्थानीय मुखिया रीना कुमारी ने भी स्कूल परिसर में शराब की बोतल को देखकर शिक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन से माग की है कि स्कूल परिसर का औचक निरीक्षण किया जाए। जो भी व्यापारी परिसर के सौ मीटर के दायरे में नशीले पदार्थो की बिक्री करता हुआ पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। इस प्रकार की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राम सेवक राम ने बताया कि यह घटना काफी चिंताजनक है। यह मामला संज्ञान में आया है तो उचित जांच कर सुनिश्चित कार्रवाई की जाएगी।
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